लोकतंत्र का पर्व है तब हमारा भी कुछ कर्तव्य है
चल वहाँ जहाँ हो रहा है फैसला देश के कर्णधार का
न सकुचा न डर बस उठा उंगली दबा बटन मनचाहे चिन्ह पर
न रह जाए कोई मलाल दिल में वोट कर दिमाग से
न पछतावा न शिकवा - शिकायत
मिला है अधिकार हमको
नहीं भूलना इसको किसी भी कीमत पर
बस वोट कर बस वोट कर
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