समय कभी रुकता नहीं
अक्सर कहते हैं
सच है क्या
ऐसा सच में होता है
नहीं लगता नहीं है
कभी - कभी समय बरसों रुका रहता है
जहाँ से चले वहीं खड़े रहें
इंतजार करते रहे सालोंसाल
कहीं आगे खिसकने का नाम ही नहीं लिया
बहुत इंतजार और धैर्य के बाद सफलता मिली
वक्त अच्छा आएगा
यह सुनते रहें
वक्त को अपनी गति से जाते भी देखते रहें
मायूस हो कर रह जाते थे
समय का अपना अंदाज है
वह सबके साथ एक जैसा नहीं रहता
किसी के साथ- साथ चलता है
किसी के आगे तो किसी को पीछे छोड़ते
बस घड़ी की सुई चलती है
गोल - गोल चक्कर लगाती है
जहाँ से चलती है
वापस वहीं आकर फिर घंटा बजाती है
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