Tuesday, 25 February 2025

दिल बिना

मैंने तुमसे प्रेम किया 
तुम्हारें लिए सबको छोड़ा
तुम्हें अपने से ऊपर रखा
तुम्हारी हर जरूरत का ख्याल रखा
तुमको पलकों पर बिठाकर रखा 
तुमसे खूबसूरत मुझे कुछ नहीं लगा
तुमने मुझे नहीं समझा 
मुझे छोड़कर जाते वक्त जरा भी नहीं सोचा
मेरी सारी दुनिया तुम 
तुम्हारी दुनिया में कोई और
मैंने सबको छोड़ा 
तुमने तो मुझे ही छोड़ दिया
मुझे कहीं का न रखा 
बस रोते ही रह गया
तुम्हारी हंसी के पीछे मैंने सब वार दिया 
मेरे ऑसू भी तुम्हें पिघला न सके 
इतना कठोर कैसे हो गई 
जज्बात की कोई जगह नहीं 
मैं समझा कि तुममें कौमल दिल का वास है 
तुमने तो पत्थर को भी मात दे दिया 
वह भी कोमल जल से अपने में छेद कर लेता है 
तुम्हारें दिल में जरा भी जगह न बनी 
कैसा दिल है 
लगता है तुम भावना से परे 
बस स्वार्थ से भरे 
दिल बिना व्यक्ति 

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