हमेशा के लिए बिदा हो रहे
दिलों में फिर भी जिंदा रहोगे
कभी दिल के तार जोड़ते थे
तुम्हारी ही बाट जोहते थे
प्रियजनों का संदेश लाते थे
तुम्हारें पिटारे में न जाने क्या-कुछ नहीं भरा होता था
किसी अपने की खैर खबर
किसी युवा के भविष्य का लैटर
किसी बच्चे का रिजल्ट
किसी विरहिणी का प्रियतम को संदेश
किसी माता का आशीर्वाद
किसी पिता की आशा
किसी प्रियतमा का दिल
सबको प्रतीक्षा होती थी
जब तुम्हारा दूत आता था
डाक बाबू की भी आवभगत होती थी
कभी लगता था
देरी कर रहे हो तो खीज भी आती थी
सुबह- शाम द्वार पर ऑखें गड़ी होती थी
तुम खड़े तो अकेले रहते थे
सबको अपने में समेटे रहते थे
ये लाल - काला रंग बड़ा प्यारा लगता था
जमाना बदल गया
महत्ता कम हो गई
वे कभी न भूलेंगे जिसके साथ तुम्हारा नाता रहा है
जिसने देखा है महसूस किया है
वही तो आज तुम्हारें जाने का दुख जानेगा
एक कसक तो है
समय भी परिवर्तन शील है
बिदा तो होना ही है
आज नहीं तो कल
सबके साथ ही यह होना है
अलविदा सुख - दुख के साथी
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