सहज था
आशान्वित था
कमजोर नहीं था
प्रेम से भरा था
कोमल मन था
झूठा कौशल नहीं धा
चतुरता नहीं थी
तुमने चतुराई दिखाई
कुशलता से अपनापन दिखाया
मैने दिखावा को सच समझा
तुमने उसका फायदा उठाया
अपने फायदे के लिए मेरी भावनाओं से खेला
मैंने तो दिल खोला था
तुमने उसको आईना दिखाया
अब समझ में आया
मैने तुमको अपना माना
तुम तो गैरों से भी ज्यादा गैर निकले
चलो अच्छा ही हुआ
जानते तो थे तुमको
पहचानते नहीं थे
आज पहचान भी लिया
राह बदल दी
अब न तो कोई नाता
बस स्वयं से वास्ता
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