जन्म से ही तारीख की शुरुआत
फिर तारीख पर तारीख और दिन
गिनते जाते हैं
जन्म तारीख के साथ- साथ और भी अंक साथ- साथ
कक्षा , रोल नंबर , उम्र
पैसे , शादी-ब्याह के मेहमान सब संख्या में
रिश्तेदारों की गणना
स्टेटस, तनख्वाह , बच्चे
गुणा- गणित चलता रहता है
एकाउंट नंबर, पैन नंबर , मोबाइल नंबर
मकान नंबर
नंबरों का अंबार
आखिर में उम्र का नंबर आ जाता है
कुछ के नंबर नहीं गिन सकते
वो है अपनापन, भावना , दया , ममता , करुणा
सुख - दुख , खुशी - रुदन, आँसू- मुस्कान
प्यार- त्याग, समर्पण
इनकी गिनती नहीं
न ये गिने जा सकते हैं
न तराजू में तौले जा सकते हैं
बस महसूस किया जाता है
इसमें न सौदा न घाटा - मुनाफा
जोड़ना- घटाना , हिसाब- किताब
मन क्या जाने
वह तो मजबूर है
भावना के वशीभूत है
सही है
दिल तो दिल है
इसका क्या कीजै
No comments:
Post a Comment