Monday, 18 August 2025

दिल तो दिल है

आंकड़ों का खेल है यह जिंदगी 
जन्म से ही तारीख की शुरुआत 
फिर तारीख पर तारीख और दिन
गिनते जाते हैं 
जन्म तारीख के साथ- साथ और भी अंक साथ- साथ 
कक्षा  , रोल नंबर , उम्र 
पैसे , शादी-ब्याह के मेहमान सब संख्या में 
रिश्तेदारों की गणना 
स्टेटस,  तनख्वाह , बच्चे
गुणा- गणित चलता रहता है 
एकाउंट नंबर,  पैन नंबर  , मोबाइल नंबर 
मकान नंबर 
नंबरों का अंबार
आखिर में उम्र का नंबर आ जाता है 
कुछ के नंबर नहीं गिन सकते 
वो है अपनापन,  भावना , दया , ममता , करुणा 
सुख - दुख  , खुशी - रुदन, आँसू- मुस्कान 
प्यार- त्याग,  समर्पण 
इनकी गिनती नहीं 
न ये गिने जा सकते हैं 
न तराजू में तौले जा सकते हैं 
बस महसूस किया जाता है 
इसमें न सौदा न घाटा - मुनाफा 
जोड़ना- घटाना , हिसाब- किताब 
मन क्या जाने 
वह तो मजबूर है 
भावना के वशीभूत है 
सही है 
दिल तो दिल है 
इसका क्या कीजै  


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