ये कैसा प्रश्न है
श्री कृष्ण कहाँ नहीं हैं
ये भी तो कैसा प्रश्न है
तब ??
तब फिर प्रश्न ही क्यों
जो सर्वज्ञ है
घट - घट वासी है
हर आत्मा में जिसका वास
वो ही तो हैं जगन्नाथ
उन पर तो प्रश्न ही नहीं बनता
संदेह नहीं भक्ति
देखो दिखाई देंगे
बुलाओ आएंगे
महसूस करो होंगे
रम जाओ
कृष्ण मय हो जाओ
पार्थ बन जाओ
सारथी बन जाएंगे
रथ भी हांकेंगे
राह भी दिखाएंगे
जीवन नैया के तो वे ही खिवैया
कृष्ण को मत ढूढ़ो
अपने अंदर के पार्थ को ढूढो
उस विराट को जान लो
सब जगह वे ही वे
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