सुदर्शन चक्र धारी का
देवकी के पुत्र और यशोदा के लाला का
कंस का वध करने वाले का
गोपालक का नाग नथैया का
गोवर्धन धारी और द्वारकाधीश का
गोपिया और राधा के प्रियतम का
रुक्मणि, सत्यभामा के पति का
गरीब सुदामा और ज्ञानी उद्बव के सखा का
बुआ कुन्ती के भतीजे और द्रौपदी के सखा का
अर्जुन के मित्र और अभिमन्यु के मामा का
बहन सुभद्रा और बलभद्र के भाई का
दुर्योधन छोड़ विदुर घर साग खाने वाले का
विराट रूप धारी नारायण का
भगवतगीता का उपदेश देने वाले कृष्ण का
अस्त्र-शस्त्र न उठाने की प्रतिज्ञा करने वाले सुदर्शन चक्र धारी का
द्वारका पुरी के रण छोड़ दास का
माता गांधारी के शाप को स्वीकार करने वाले वासुदेव का
अपनी ही मृत्यु को तीर द्वारा स्वीकार करने वाले का
कभी बंशी की धुन और यमुना की धारा
कभी रथी और कुरुक्षेत्र का मैदान
मथुर, गोकुल, मथुरा और हस्तिनापुर
चक्कर लगाते रहे
समय का चक्कर चल रहा था
आज का दिन जन्म के समय का नहीं था
समय के जन्म का था
अत्याचार से परिपूर्ण धरती को मुक्त कराने वाले के जन्म का था
हाथी - घोड़ा - पालकी
जय कन्हैयालाल की
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