जा जा जा जा जा
ये हैं बरसात राजा
कभी आगमन की प्रतीक्षा
कभी जाने की गुहार
न आए तो मुश्किल
ज्यादा आए तो मुश्किल
जीवनदाता भी ये
विनाशक भी ये
न आए
तो न जाने कितनी मन्नते
कितने प्रलोभन
कभी यज्ञ तो कभी हवन
ये किसी की नहीं सुनते
अपनी मनमर्जी करते
न आए तो सूखा
आए तो सुनामी
हर जीव को इनकी प्रतीक्षा
पेड़ - पौधे , पशु- पक्षी
मानव तो है ही
हर्षित भी करते हैं
रुलाते भी हैं
पपीहा तो प्राण भी दे देता है
मेढ़क की टर्र टर्र भाती है
जब बरसात हो झर - झर
कुछ भी हो
आना - जाना इनकी मर्जी
प्यारे भी सबके
इनसे मुख नहीं मोड़ सकते
तभी तो गाना बालपन का
ये रे ये रे पावसा
तुला देतो पैसा
पैसा झाला खोटा
पाऊस आला मोठा
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