Tuesday, 16 September 2025

पाऊस आला मोठा

आ जा आ जा आ जा 
जा जा जा जा जा 
ये हैं बरसात राजा 
कभी आगमन की प्रतीक्षा
कभी जाने की गुहार 
न आए तो मुश्किल 
ज्यादा आए तो मुश्किल 
जीवनदाता भी ये
विनाशक भी ये 
न आए 
तो न जाने कितनी मन्नते 
कितने प्रलोभन 
कभी यज्ञ तो कभी हवन
ये किसी की नहीं सुनते 
अपनी मनमर्जी करते 
न आए तो सूखा
आए तो सुनामी
हर जीव को इनकी प्रतीक्षा
पेड़ - पौधे , पशु- पक्षी 
मानव तो है ही 
हर्षित भी करते हैं 
रुलाते भी हैं
पपीहा तो प्राण भी दे देता है 
मेढ़क की टर्र टर्र भाती है 
जब बरसात हो झर - झर
कुछ भी हो 
आना - जाना इनकी मर्जी 
प्यारे भी सबके 
इनसे मुख नहीं मोड़ सकते 
तभी तो गाना बालपन का
ये रे ये रे पावसा 
तुला देतो पैसा 
पैसा झाला खोटा 
पाऊस आला मोठा 

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