Tuesday, 16 September 2025

सजीव - निर्जीव

मैंने सोचना बंद कर दिया है 
मैंने बोलना बंद कर दिया है 
मैंने प्रतिक्रिया करना बंद कर दिया है
क्या कहना क्या सुनना 
सब व्यर्थ है 
मुझ पर किसी बात का असर नहीं पड़ता 
जो हो रहा है होने दो
मुझे किसी से क्या मतलब
मैं भावनाओं में नहीं बहना चाहती 
कोई सम्मान करें या अपमान करें 
क्रिया की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है 
आग में हाथ डालेंगे तो जलना होगा 
यह जीवित का प्रमाण है 
विचार शून्य इंसान 
जिंदा शरीर में मुर्दा है 
सांस भले ही चल रही हो 
सजीव तो है 
उसमें और निर्जीव में क्या फर्क 

No comments:

Post a Comment