Sunday, 8 June 2014

HUMARA BACHPAN HUMEIN JEENE DO !!!

हम सुन्दर खूबसूरत फूल है इस बगियाँ के ,हमें भी खिलने ,हँसने ,मुस्कुराने का हक़ हैं 
हमें अपनी मर्ज़ी से जिस दिशा में चाहें पनपने दो ,अपनी महत्वाकांक्षाएं हम पर मत लादियें 
 
हमारा ये हक़ हमसे मत छिनियें ,अगर हमारा हक़ हमसे छिन लिया तो हम खिलने से पहले ही मुरझा जायेंगे 
हम तो भविष्य है आपके,भविष्य को सवारिये अंकुश मत लगाइए । 

हम छोटे-छोटे पंछी,सामने खुला विस्तृत आकाश हमारे पंख मत काटों 
हमें अपनी उड़ान भरने दो ,हम अपनी मंज़िल स्वयं ढूंढ लेंगे 
हमारी स्वतंत्रता हमसे मत छीनो 
हमारा बचपन हमें जीने दो।  
हमारा बचपन हमें जीने दो  । 

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