Tuesday, 1 July 2014

Sai ko lekkar itna Vivaad kyu???

श्रद्धा और सबुरी यही मंत्र है साईं का, आज साईं को लेकर  इतना बवाल क्यों ?
साईं ने तो अपने भक्तो से कुछ नहीं माँगा, न ही भगवन मान ने की बात की थी,
यह तो श्रद्धा और विश्वास की बात है,

आज ऐसे कितने संत-महात्मा है जो अपने को स्वयंभू भगवन मानते है और लोगो से मनवाते है,
प्रवचन देते है, लाखो करोडो का चढ़ावा चढ़ता है, आखिर यह दिखावा-पाखण्ड क्यों?
ईश्वर तो हमारे मंन और आत्मा में निवास करता है , गुरु या माता-पिता को हम आदर-सम्मान के साथ भगवान के समकक्ष मानते है लेकिन वे भगवान  नहीं बन जाते.

साईं जो की एक फकीर थे,
उनको रूपियो-पैसो का बिलकुल मोह नहीं था,
उन पर आज लाखो-करोडो के चढ़ावा चढ़ते है,
सोने-चांदी के छत्र चढ़ाये जाते है,
क्या  ईश्वर को संपत्ति से प्यार है?

साईं ईश्वर है या नहीं,
यह तो नहीं कह सकते पर एक सर्वधर्म और समभाव की स्थापना करने वाले फकीर अवश्य है.
अतः साईं को इन विवादों के घेरे में मत डालो।


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