Tuesday, 23 September 2014

आ गया चुनावो का मौसम …

आगया चुनावों का मौसम, बैठके जारी है, रणनीति बन रही है, कीस तरह जीता जाये ?
विपक्षी पार्टी को किस तरह पठखनी दी जाये, किस के साथ दोस्ती करनी है, किस के साथ हाथ मिलाना है ?
जोड़ - तोड़ की राजनीति जारी है, दल - बदल का खेल चल रहा है,
किसका पलड़ा भारी, जनता का झुकाव किस ओर, नेताओ की सभी पर पैनी नजर।

कल के दुश्मन आज दोस्त बनते तो कही वर्षो पुरानी दोस्ती टूटने के कगार पर,
अरे भाई, यही तो है राजनीति का खेल,
इसमें जो जीता वही सिकंदर,
जनता जनार्दन का फैसला ही अंतिम फैसला,
कौन सा समीकरण बनाया जाए की जनता हमारे साथ हो,
जनता को लुभाने के लिए सारे हथकंडे अपनाये जा रहे है,
देखे जनता का फैसला क्या होगा ?


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