लालू-नितीश एक हो गए है, दूसरे दल भी इसी प्रयास में है।
अच्छा है दुश्मनी ख़त्म है, नेता आपस में भाई चारे की भावना अपनाए।
बिहार और देश प्रगति के रास्ते पे चले, शांति स्थापित हो।
लेकिन इसका दूसरा मकसद की सब मिल कर भाजपा को हराए, यह तो उचित नहीं।
मोदी को हराने के लिए एकता का ढोंग करना क्यों ? मोदीजी से लोग डर गए क्या ?
मोदी पर से ध्यान हटा कर अच्छा कार्य करिए, जनता का विश्वास जीतिए।
जनता स्वयं ही आपको सत्ता के शिखर पर बैठाएगी।
सत्ता कोई स्थाई या बपौती तो नहीं है की जिसे मिली उसकी हो कर रह गयी।
प्रजातंत्र है, नेता चुनने की आजादी है,
यह पब्लिक है भाई, सब जानती है।
अच्छा है दुश्मनी ख़त्म है, नेता आपस में भाई चारे की भावना अपनाए।
बिहार और देश प्रगति के रास्ते पे चले, शांति स्थापित हो।
लेकिन इसका दूसरा मकसद की सब मिल कर भाजपा को हराए, यह तो उचित नहीं।
मोदी को हराने के लिए एकता का ढोंग करना क्यों ? मोदीजी से लोग डर गए क्या ?
मोदी पर से ध्यान हटा कर अच्छा कार्य करिए, जनता का विश्वास जीतिए।
जनता स्वयं ही आपको सत्ता के शिखर पर बैठाएगी।
सत्ता कोई स्थाई या बपौती तो नहीं है की जिसे मिली उसकी हो कर रह गयी।
प्रजातंत्र है, नेता चुनने की आजादी है,
यह पब्लिक है भाई, सब जानती है।
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