हाथ में पत्थर, होटो पर नारा,
यह है आज के युवा की तस्वीर,
जब भी किसी राजनितिक पार्टी को जरूरत होती है,
तो अपने हथियार के लिए युवाओ का इस्तेमाल करते है,
युवा भी जोश में आकर नारे बजी, तोड़ - फोड़ करना शुरू कर देता है,
चुनाव के समय तो इनका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है,
कितने सारे बेरोज़गार युवा है जो काम करने की बजाय कभी त्योहारो का तो कभी चुनाव का इंतज़ार करते रहते है, ताकि यह समय खा - पी कर आराम से कटे,
बाकी समय ताश के अड्डे जमाय हुए यहाँ - वहॉ बैठ कर टाइम पास करता हुआ मिल जायेगा।
काम की कमी नहीं है, पर खेती करने में शर्म, ड्राइवर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, वॉचमैन बनने में शर्म।
छोटा - मोटा रोजगार करने में शर्म,
अगर भारत में हर कोई काम करने की सोच ले तो भूखा तो कोई नहीं मरेगा।
यह है आज के युवा की तस्वीर,
जब भी किसी राजनितिक पार्टी को जरूरत होती है,
तो अपने हथियार के लिए युवाओ का इस्तेमाल करते है,
युवा भी जोश में आकर नारे बजी, तोड़ - फोड़ करना शुरू कर देता है,
चुनाव के समय तो इनका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है,
कितने सारे बेरोज़गार युवा है जो काम करने की बजाय कभी त्योहारो का तो कभी चुनाव का इंतज़ार करते रहते है, ताकि यह समय खा - पी कर आराम से कटे,
बाकी समय ताश के अड्डे जमाय हुए यहाँ - वहॉ बैठ कर टाइम पास करता हुआ मिल जायेगा।
काम की कमी नहीं है, पर खेती करने में शर्म, ड्राइवर, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, वॉचमैन बनने में शर्म।
छोटा - मोटा रोजगार करने में शर्म,
अगर भारत में हर कोई काम करने की सोच ले तो भूखा तो कोई नहीं मरेगा।
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