Tuesday, 2 December 2014

सबका विकास यानि देश का विकास।

आज़ाद भारत के समक्ष उसकी आवशक्ताएं थी, प्रगति और विकास करना,
इसके लिए उद्पादन, नए - नए वैज्ञानिक साधन, परमाणु क्षमता, शश्त्र क्षमता बढ़ाना था,
लेकिन इसके साथ - साथ भोजन, वस्त्र, शिक्षा, स्वस्थ और आवास भी थे,
भौतिकता की और बढ़ने की प्रवृति भी इसी से आई,

इसका परिणाम यह हुआ की एक छोटा सा समुदाय सारी  सुख - सुविधाओ से सुसज्जित है जबकी बड़ा तबका वंचित रह गया,  आज जब प्रधानमंत्रीजी स्वच्छता और सौचालय की बात करते है तो जरा भी आश्चर्य नहीं होता क्यूंकि हमारे हाथ में मोबाइल और लेपटोप तो आ गए है लेकिन रोटी, घर, सौचालय और शिक्षा से वंचित है हम, यह सामाजिक असमानता, असंतोष और अपराध को ही जन्म देती है,
सभी सुखी और संपन्न रहेंगे तो ही देश का विकास होगा।




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