आज तो यशोदोत्सव है
माॅ यशोदा के लाला का जन्मोत्सव
त्रिलोक के स्वामी जिसकी गोद की शोभा हो
ऐसा सौभाग्य।
जिसकी गोद में भगवान स्वयं पहुंचे
बिना जन्म दिए कान्हा की माता बनी
और वह भी जिसके आगे तो कृष्ण भी चित्त
तो आज का दिन तो उनका है
जन्म देने वाली ही माॅ नहीं होती
ममता बड़ी होती है
देवकीनंदन तो वे जन्म जात है
लेकिन यशोदानंदन तो स्थायी रूप से है
माता - पुत्र का यह बेजोड़ प्रेम
हर मिथक को झुठला देता है
माँ बस मां होती है
उसकी ममता उसका प्यार सर्वोच्च
Happy Janmashtami
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