Monday, 8 December 2014

नेताजी जबान संभल के …

आजकल संसद और संसद के बहार भी चुनाओ के दौरान जिस अभद्र भाषा और व्यंग का प्रयोग किया जाता है वह शोभा नहीं देता। साध्वी मंत्री ने भले ही माफ़ी मांग ली हो लेकिन वह जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली नेता है।  नेता बेलगाम भाषा का प्रयोग करते है जिससे सभी को शर्मिंदा होना पड़ता है। भारतीय संस्कृति मर्यादा में रहना सिखाती है।

नेता अपनी सफाई में एक दूसरे की पार्टी और व्यक्ति पर दोषारोपण करते है। सबसे पहले अपने गिरेबान में झाकना चाहिए।  " तेरी कमीज  से मेरी कमीज सफ़ेद " वाली धारणा को त्याग कर अपनी वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना सीखना चाहिए।


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