Sunday, 14 December 2014

खेल को खेल ही रहने दो, जंग नहीं।


हॉकी खिलाड़ियों का विजयजश्न मानना ठीक है,
लेकिन जिस तरह से पाक के खिलाड़ियों ने उसका अभद्र प्रदर्शन किया, चिढ़ाया वह बेहद शर्मनाक है,
खेल तो खेल है युद्ध नहीं,
उसको खेल की भावना से लेना छाईए,

हार जीत तो चलती रहती है,
खेलते समय खिलाड़ियों के देश पर नहीं, उनके बेहतर खेलने पर तालिआ बजती है,
चाहे वह सचिन की बले - बाजी हो या फिर सोहेब की गेंदबाजी।


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