Saturday, 27 December 2014

कर्तव्यपथ पर जो मिला ये भी सही वो भी सही!!

एक ऐसा नेता जिसने भारत की गुलामी से आज़ादी तक का सफर तय किया है,
जनसंग के "दिए" से राजनीति की "लौ" जगाने और विपक्ष को भी संसद में उतना ही महत्व ,गठबंधन की सरकार के कर्त्तव्य ,मोदी को राजधर्म की सलाह दिए से कमल खिलने तक का सफर ,पोखरण में परमाणु परिक्षण,दिल्ली से लाहौर तक बस यात्रा।

कारगिल की लड़ाई, संयुक्त राष्ट्रसंघ में हिंदी में भाषण, अमेरिका से समबन्ध,एक अच्छे कवि, एक अच्छे प्रखरवख्ता, नीर विवाद नेता ,बेदाग़ छवि, अच्छे प्रशाशक  यह है वाजपेयी जी की शख्सियत।

भारत की आत्मा निर्भरता ,आत्मा सामान की आवाज़ मुखर करना ,भारत पाक लड़ाई में इंदिरा गांधी के साथ, इमरजेंसी में जेल और पाकिस्तान से अच्छे समबन्ध बार बार बनाने की कोशिश। भारतीय राजनीती का चमकता सितारा है वाजपेयी जी। ईश्वर उनको अछा स्वस्थ दे और दीर्धायु हो ।

अटल जी की ही पंक्तिया :

"क्या हार में क्या जीत में ,किंचित नहीं भयभीत मैं
   कर्तव्यपथ पर जो मिला ये भी सही वो भी सही"

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