निर्भया कांड को १६ दिसंबर को दो साल हो रहा है,
पर क्या इस घटना के बाद कुछ बदला है ?
क़ानून तो सख्त बनाये गए है, पर घटनाएँ तो कम होने की बजाए और बढ़ती हुई दिखाई दे रही है,
बहार क्या, अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है औरत।
मासूम बच्ची से लेकर वृद्धा तक, लोगो की सोच बदलने की जरूरत है,
माँ - बाप को अपने लड़को में नैतिकता और स्त्री के प्रति इज़्ज़त और सम्मान की भावना पैदा करने की जरूरत है, घर से ही शुरुआत होगी, तभी समाज में भी बदलाव आएगा।
केवल पुलिस और प्रशाशन ही नहीं जबकि, सभी को सचेत रहना चाहिए।
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