नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त कहना उस व्यक्ति को जिसने अहिंसा की पुजारी गाँधी की हत्या की शोभा नहीं देता,
मोहनदास करमचंद गाँधी को महात्मा की उपाधि ऐसे ही नहीं मिली,
गोडसे राष्ट्रभक्त थे या नहीं लेकिन किसी हत्यारे को सही ठहराना कोई न्याय संगत नहीं है,
हत्या या दंगा पूरी मानवजाती के लिए कलंक है,
कट्टर हिन्दू या देश भक्ति किसी की हत्या की इजाजत नहीं देती,
हिन्दू धर्म को सहिष्णुं धर्म है और हिन्दुस्तान सभी को अपने में समाहित किया है,
अतः गोडसे शायद राष्ट्रभक्त हो लेकिन उनके कृत्य महात्मा गाँधी की हत्या को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
अपराधिक कृत्य निन्दनीय है और उसकी सभी को निंदा करनी चाहिए।
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