Saturday, 3 January 2015

धीरज और सब्र की जरूरत है मुश्कील घड़ी में।


मुंबई की लाइफलाइन कही जानेवाली लोकल तकनीकी समस्या के कारण बंद हुई। सबको परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन इस कारण तोड़फोड़ मचाना, मोटरमैन को मारना, पुलिस की गाड़ियों को जलाना यह कहाँ तक उचित है ?

इससे उपद्रवादियों को और असामाजिक तत्वों को भी बढ़ावा मिलता है।  परेशानी और बढ़ती है। अपने ही हाथों अपना घर जलाना ठीक नहीं है।


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