किरण बेदी और अरविन्द केजरीवाल
दोनों अन्ना के आंदोलन की उपज
एक समय के पुराने साथी,आज एक दूसरे के विरूद्ध खड़े हुए
काट छाट की राजनीती शुरू
भाजपा का दावपेच एकदम सटीक ,अब तो देखना यह है की दिल्ली के दिल में क्या है
किरण या केजरी ,किसका वार किसपर ?
कौन जीतेगा कौन हारेगा ?यह तो वक्त ही बताएगा ।
कमल खिलेगा या आएगी झाड़ू की बहार
पर जनता की तो है एक डिमांड वह है दिल्ली का ।
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