विद्यालय के छात्र - छात्रा पिकनिक गए है,
वहाँ गाँव है, नदी - तालाब - पोखरा - कुआँ है,
वहाँ गाँव है, नदी - तालाब - पोखरा - कुआँ है,
सरसों की हरी - पीली डालियाँ झूम रही है, आलू और मटर के खेत है,
बंद गोभी फूल कर बाहर निकलने को तड़पड़ा रही है,बच्चे फोटो खींच रहे है,
खुश होकर हर चीज और दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लेना चाह रहे है।
इतनी ख़ुशी मिल रही कि पूछिए मत।
इसका कारण कि इन्होंने अब तक इन चीज़ों को केवल चित्र में ही देखा था।
चित्र, चित्र ही होता है असलियत कुछ और होती है।
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