आजकल संसद से लेकर सडक तक चर्चा है फॉसी की सजा को लेकर
क्यो लोगो के हत्यारे और दोषी का क्या करना चाहिए
उसे सजा नही तो फिर जो मुक्त भोगी है उनका क्या?
जिन्होने अपनों को खोया है जीवन से हाथ धो बैठे हैं ऐसे तो दोषी और अपराधियो का मनोबल बढ जाएगा
जिसके जनाजे मे इतने हजारो की संख्या मे लोग शामिल हुए मानो कोई महानायक दुनियॉ से बिदा ले रहा हो
कवि ईकबाल की पंक्तियॉ
मजहब नही सिखाता आपस मे बैर करना
हिन्दी है वतन है हिन्दोस्ता हमारा
देश और वतन पर जान देने को तैयार रहना चाहिए
न कि जान लेना और तबाही फैलाना
हॉ यह जरूर है इससे कोई ठोस हल तो नही निकलेगा
लेकिन इतना विवाद क्यों
आंतक का कोई घर्म नही होता
मरने वाला किसी भी धर्म का हो सकता है
बम किसी को देखकर नही फूटता
आज हमारी बारी तो कल तुम्हारी बारी
इसलिए हर व्यक्ति को आंतकवाद का जमकर विरोध करना चाहिए न कि समर्थन देना.
हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नही
जीओ और जीने दो
उसे सजा नही तो फिर जो मुक्त भोगी है उनका क्या?
जिन्होने अपनों को खोया है जीवन से हाथ धो बैठे हैं ऐसे तो दोषी और अपराधियो का मनोबल बढ जाएगा
जिसके जनाजे मे इतने हजारो की संख्या मे लोग शामिल हुए मानो कोई महानायक दुनियॉ से बिदा ले रहा हो
कवि ईकबाल की पंक्तियॉ
मजहब नही सिखाता आपस मे बैर करना
हिन्दी है वतन है हिन्दोस्ता हमारा
देश और वतन पर जान देने को तैयार रहना चाहिए
न कि जान लेना और तबाही फैलाना
हॉ यह जरूर है इससे कोई ठोस हल तो नही निकलेगा
लेकिन इतना विवाद क्यों
आंतक का कोई घर्म नही होता
मरने वाला किसी भी धर्म का हो सकता है
बम किसी को देखकर नही फूटता
आज हमारी बारी तो कल तुम्हारी बारी
इसलिए हर व्यक्ति को आंतकवाद का जमकर विरोध करना चाहिए न कि समर्थन देना.
हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नही
जीओ और जीने दो
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