२०२२तक भारत की जनसंख्या चीन से आगे निकल जाएगी यानि ईतिहास बदल जाएगा
औलाद भगवान की देन है यह मान्यता और सोच लोगो की है चाहे उनका पालन पोषण न बराबर हो
कुछ पढे लिखे तबके को छोडकर
अगर यही सोच रही तो समस्या कितनी भयावह हो सकती है
नसबंदी जब लागू की गई थी तो लोगो ने उसका विरोध किया था पर आज सोचा जाय तो महसूस होगा कि संजय गॉधी कितने दुरदरशी थे हॉ उस समय उसकी ज्यादती हो गई थी
धरती और जमीन तथा संसाधन तो उतने ही है पर आबादी बढ रही है
अगर यही हाल रहा तो विकास क्या होगा पतन होगा
रोटी कपडा और मकान यह हर व्यक्ति की मूलभुत जरूरत है वह कहॉ से पूरा होगा
लोगो को जागरूक होने की जरूरत है
सरकार को भी कोई ठोस कदम उठाना चाहिए
जनसंख्या और धर्म को आपस मे नही जोडना चाहिए
यह किसी एक की समस्या नही पूरे देश की समस्या है
समाज को भी कुछ करना चाहिए नही तो हम आबादी के बोझ तले दब जाएगे
कुछ पढे लिखे तबके को छोडकर
अगर यही सोच रही तो समस्या कितनी भयावह हो सकती है
नसबंदी जब लागू की गई थी तो लोगो ने उसका विरोध किया था पर आज सोचा जाय तो महसूस होगा कि संजय गॉधी कितने दुरदरशी थे हॉ उस समय उसकी ज्यादती हो गई थी
धरती और जमीन तथा संसाधन तो उतने ही है पर आबादी बढ रही है
अगर यही हाल रहा तो विकास क्या होगा पतन होगा
रोटी कपडा और मकान यह हर व्यक्ति की मूलभुत जरूरत है वह कहॉ से पूरा होगा
लोगो को जागरूक होने की जरूरत है
सरकार को भी कोई ठोस कदम उठाना चाहिए
जनसंख्या और धर्म को आपस मे नही जोडना चाहिए
यह किसी एक की समस्या नही पूरे देश की समस्या है
समाज को भी कुछ करना चाहिए नही तो हम आबादी के बोझ तले दब जाएगे
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