इस समय की हवा बडी गर्म है
न आना न जाना ,एक जगह रूक सी गई है
हर चेहरा अजनबी , प्रश्न से घिरा हुआ
उत्तर किसी के पास नहीं
सबकी निगाहे संभावनाओं पर केन्द्रित
पता नही भविष्य के गर्भ में क्या छिपा हुआ
हवा आती -जाती रहती है तभी ताजा रहती है
पानी बहता रहता है तभी स्वच्छ रहता है अन्यथा सड जाएगा और महामारी फैलेगी
हवा को आने-जाने दो
सबको सुनो सबको समझो ,तभी तो विकास होगा
अन्यथा सब ठहर जाएगा
ठहराव बहुत घातक होता है
खुल कर जीओ और जीने दो
डर को इतना भी मत डराओ कि डर ही खत्म हो जाय
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Monday, 26 October 2015
आज का माहौल ,कब ठीक होगा
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