मोदी जी ने पत्रकारों के लिए मिलन समारोह का आयोजन किया था
बडे-बडे मीडिया वाले पहुंचे थे
लगा कि सवाल पुछेंगे
पर उनको मौका ही नहीं दिया गया
वे बस सेल्फी लेते रह गए
क्या यही उद्देश्य था
पिछली बार भी यही हुआ था
इस बार कुछ आशा बंधी थी शायद ये लोग मोदी जी को घेरे
पर नहीं , लोग उनके पास आए
साथ-साथ चले पर सही में वे उनके मन की बात पूछ सके क्या
पत्रकार व्यवस्था के विरोध में होता है क्योंकि उसे सच अवगत कराना होता है
रेडियों पर मन की बातें हो सकती है पर जो सामने है उससे क्यों नहीं
वह तो जानना चाहता है
ऐसा तो नहीं कि प्रधानमंत्री उनसे बचना चाहते थे
इसलिए उनको सेल्फी में उलझाए रखा
जब बातें होगी तो ही तो सच बाहर आएगा
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से तो हर कोई डरता है और दूर रहना चाहता है
पर एक सच यह भी है कि इनको नजरअंदाज कर काम नहीं चलता
सबको इनकी जरूरत होती है तो फिर दूरी क्यों?
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Tuesday, 1 December 2015
क्या सेल्फी लेना ही पत्रकारिता है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment