Thursday, 31 December 2015

नववर्ष की सभी को शुभकामना

पुराना साल खत्म हुआ कल  उसकी बिदाई का आखिरी दिन था
यह तो प्रकृति का नियम है हर किसी को जाना है
फिर चाहे वह हम हो या फिर प्रकृति का और कोई अंग
ऐसा नहीं है कि यह हमारे जीवन में पहली बार हो रहा है  यह सिलसिला तो जबसे हम इस पृथ्वी पर आए है तबसे चल रहा है
रोते हुए आते हैं पर जाते समय ?
यह तो प्रश्नचिन्ह है
हमने क्या खोया ,क्या पाया
क्या लिया ,क्या दिया
क्या लेकर जा रहे हैं लोगों की दुआ या बद्दुआ
यह वर्ष भी जा रहा है कभी हम हँसे होंगे ,कभी रोये भी होंगे 
कभी किसीने हमारा दिल दुखाया होगा
कभी किसी ने बुरा -भला कहा होगा
कभी गलती न होने पर सजा मिली होगी
और हम सोचते रहते हैं और दुखी भी होते हैं
क्योंकि हम इंसान है
भूल जाओ कहना आसान है पर भुलना मुश्किल
हम संवेदन शील जो हैं
पर क्या करे कोई चारा भी तो नहीं है
भूलना तो पडेगा ही नहीं तो जीवन आगे कैसे बढेगा
अनवांछित को तो निकाल कर बाहर करना पडेगा
क्योंकि हम अकेले नहीं हैं हमारे परिजन हमसे जुडे हुए है जो हमसे बिना लाग -लपेट के और हर अच्छाई -बुराई के साथ प्यार करते हैं
फिर सोचना क्या अपनों के लिए जीना और वह भी रोकर नहीं हँसकर
उनके चेहरे पर एक मुस्कराहट की कीमत बेकार की बातों में सोचने में क्यों जाया किया जाय
शायद यह ईश्वर की मंजूरी हो कि हम इस संसार में मजबूती से खडे रह सके और हर परिस्थिती का सामना कर सके
क्योंकि यहॉ कुछ व्यर्थ नहीं जाता
सागर की लहरे भी जाते जाते  अपना वजूद छोड जाती है तो यह तो पूरा एक साल की बात है
बहुत कुछ सीखा ,कुछ पाया कुछ खोया
जो भी इसके कारण हो सभी को तहे दिल से धन्यवाद
समय को बिदा करना है बीते हुए कल को
आने वाले का स्वागत भी तो करना है

नव वर्ष का तहे दिल से स्वागत  .. ..  ़  ँँ






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