Saturday, 30 January 2016

देश की आधी आबादी को कुछ धर्म स्थलों पर जाने की पाबंदी क्यों?

कब तक परम्परा के नाम पर महिलाओ के अधिकारों का हनन किया जाएगा
शनिदेव के मंदिर में महिलाओं का प्रवेश निषिद्ध
हाजी अली दरगाह पर मनाही
सबरीमाला के मंदिर में रोक
आखिर क्यों  ?
क्या महिलाएँ इंसान नहीं है
सारी परम्पराएं उन्हीं पर क्यों थोपी जाती है
पहले जमाने में शिक्षा से भी वंचित आज विकास के मार्ग पर आगे निकल गई है
ढोल ,गँवार ,शुद्र ,पशु ,नारी
ये सब ताडन के अधिकारी
         या
अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी
ऑचल में दूध और ऑखो में पानी
         पर आज परिस्थिति अलग है वह अपना हक मॉग रही है
चाहे वह ईश्वर का दरबार हो या फिर पार्लियामेंट
आधी अबादी के साथ असहिष्णुता क्यों
परम्परा के नाम पर कब तक ये ठगी जाएगी
त्याग के नाम पर कब तक अत्याचार सहेंगी
कब बराबरी का हक मिलेगा
अब समय आ गया है कि बेटी को बचाना भी है
उसे पढाना भी है
उसका अधिकार भी दिलाना है
सम्मान और हक घर हो या बाहर हर जगह दिलाना है

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