बच्चों में हमेशा मतभेद
मॉ - पिता पर पक्षपात का आरोप
इसको ज्यादा मानना ,मुझे कम मानना
जो संभव ही नहीं
एक ही कोख से जन्म देनेवाले पक्षपात क्यों करेंगे
प्रकृति सब पर एक ही समान मेहरबान होती है
चॉद अपनी चॉदनी सब पर फैलाता है
सूर्य अपना प्रकाश सबको देता है
बरखा अपना जल सब पर छिडकती है
फूल अपनी सुगंध सब को देता है
हवा कभी पक्षपात नहीं करती
सबको एक ही साथ सॉस के लिए प्रणवायु देती है
माली के लिए तो पूरी बगियॉ का हर पौधा बहुमूल्य होता है
जी- जान से उनकी देखभाल करता है और सींचता है
पेड के लिए उसका हर अंग मायने रखता है
जड से लेकर तने और पत्ती तक
सब एक - दूसरे से जुडे हुए
पक्षी तिनका- तिनका जोड कर घोसला बनाते हैं
हर बच्चें के लिए
एक साथ ही चार- पॉच हो तब भी सबके मुँह में अन्न का दाना डालती है
ईश्वर के लिए भी तो सब समान होते हैं
उनको तो समदर्शी ही कहा जाता है
फिर भगवान का ही दूसरा रूप
माता- पिता पक्षपाती कैसे हो सकते हैं
उनका तो प्यार ,आर्शिवाद हर बच्चे पर समान ही होता है
यह हाथ तो सदा देने के लिए होते हैं
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Tuesday, 26 July 2016
प्रकृति भेदभाव नहीं करती तो माता - पिता कैसे???
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