Wednesday, 7 December 2016

हँसना और मजाक संभल कर करें

हँसना और मजाक करना
यह मामूली बात नहीं है
जिस पर आप हँस रहे हैं
जिसका मजाक उडा रहे हैं
वही शायद लौटकर आपके पास न आए
आप ने तो ऐसे ही मजाक में यह बात कह दी होगी
पर वक्त ऐसा तमाचा मारेगा
कि सिट्टी ,पिट्टी गुम हो जाएगी
वक्त किसी का सगा नहीं है
वह तो अनवरत चलता रहता है
आज उसकी बारी तो कल आपकी बारी हो सकती है
हॉ समय जरूर लग सकता है
पर समय किसी को छोडता नहीं है
बुरे वक्त को कोई जान- बूझकर आमंत्रित नहीं करता
क्या पता कौन- से जन्मों का फल
या फिर इस जन्म का फल
मनुष्य तो असहाय है
सब कुछ तो ऊपर वाले सर्वशक्तिमान के हाथ है
जब आप किसी के दुख या पीडा का मजाक उडाते है
तब अप्रत्यक्ष रूप से विधाता पर हँसते हैं
उनका मजाक उडाते हैं
ईश्वर के तराजू में तो सबका पलडा बराबर ही होता है
तो हँसिए मत ,प्रेम बाटिए.
आपको भी सुकुन मिलेगा और दूसरे को भी

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