Wednesday, 21 June 2017

तारे जमीन पर भी चमकते हैं

बचपन में  सुनी थी खरगोश और कछुए की कहानी
दौडने की शर्त में खरगोश का हारना और कछुए का जीतना
अजीब थी यह शर्त
फर्राटेदार और धीमी चाल के बीच
पर कछुए की जीत के पीछे उसकी लगन और धीरज
उससे ज्यादा स्वयं पर विश्वास
आज भी यह कहानी मिसाल है और सबकी जबान पर भी है
यह साबित करने के लिए काफी है कि ईश्वर की हर रचना अपने आप में सर्वोत्तम है
उसने Snail यानि घोंघा जो धीमा तो है ही
अपने को खोल में भी लपेट लेता है
दूसरी ओर फुर्तीला चीता जिसकी गति बिजली से भी तेज
पर दोनों का स्वयं का असतित्व
स्वयं को तो कमजोर ऑकना ही नहीं है
और समाज की भी यह जिम्मेदारी
न जाने कौन - से बच्चे में कौन- सी प्रतिभा छुपी हो
पढाई में पीछे खेल में सचिन और धोनी बन सकता है
अभिनय में सलमान खान बन सकता है
जमीन पर उगने वाले हर तिनके का सम्मान कीजिए
कौन जाने कौन कब विशाल वृक्ष बन जाए
जिसे आप कम ऑक रहे है
वह शायद भविष्य का चमकता सितारा हो
इन जमीन पर उगने वाले तारों को नजरअंदाज न करें

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