एक हाथी था ,उसके चार बच्चे थे ,वह बहुत अच्छी तरह उनकी देखरेख करता था
हथिनी और हाथी अपने बच्चों को देख फूले नहीं समाते थे
हाथियों की एक विशेषता है कि वह झुंड में चलते हैं
ताकि मुसीबत के समय एक - दूसरे की मदद करे
और कोई दूसरा प्राणी भी उनके पास नहीं फटकेगे
इनका एक बच्चा बडा शरारती था
हमेशा इधर- उधर देखने के चक्कर में पीछे रह जाता था
उसकी आदत यहॉ - वहॉ भटकने की बन गई
एक बार बिना बताए दूर जंगल में निकल गया
वहॉ पर एक बहुत बडा गढ्डा था
यह देख नहीं पाया और गढ्डे में गिर गया
चिंघाडने लगा पर वहॉ उसकी कौन सुनता??
भूखे- प्यासे उसकी हालत बद से बदतर होने लगी
हाथी - हथिनी परेशान हो कुछ समय तक ढूडे
फिर संतोष कर लिया
क्या करेंगे बेचारे
एक बार कुछ सरकस वाले दूसरे गॉव में जाने के लिए जंगल के रास्ते से जा रहे थे
हाथी के बच्चे को थोडा होश था
वह पदचाप सुनकर चिल्लाने लगा
एक व्यक्ति ने झॉककर देखा तो हाथी का बच्चा
सबको बुलाया और किसी तरह निकाला
यह तो प्रसन्न हो गया कि मेरी जान बच गई
पर यह क्या ??
वह आपस में बतियाने लगे कि इसको अपने साथ ले चला जाय
सर्कस के करतब करवाया जाएगा
उसको अपने साथ बांधकर वह ले गये
अब वह बडा हो गया है
सर्कस में अपने करतब दिखाता है
सबकी तालियॉ बजती है और वाहवाही होती है
सबको अपनी सूंड से सलामी देता है
उसकी मनपसन्द गन्ना और दूसरे खाने की भी चीजें दी जाती है
पर यह सब उसे नहीं भाता
उसे अपने परिवार की याद आती है
जंगल का वह जीवन याद आता है
सोचता है कि अगर मैंने अपने परिजनों की बात मानी होती तो
आज यह दिन नहीं देखना पडता
अपनी शैतानियों और नटखटपन के कारण अब जीवन भर मैं लोगों का मनोरंजन करता रहूंगा
मेरी हालत जेल में बंद कैदी की हो गई है
अब तो यहॉ से भाग भी नहीं सकता
जाऊंगा तो कहॉ???
अब यही मेरी नियति है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Tuesday, 27 June 2017
हाथी और उसका बच्चा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment