Monday, 10 July 2017

हर फूल कुछ कहता है

फूलों से भी तो कुछ सीखिए
गुलाब मुस्कराकर कहता है
हर परिस्थिति में हँसना है
चाहे कांटों पर ही क्यों न है

रातरानी कहती है अंधेरे से घबराना क्यों??
अंधेरे में भी खिलना है

बकुली कहती है सांवला रंग से कोई फर्क नहीं पडता
अपने सुगंध रूपी गुण से दिल को जीतना है

सदाफूली कहती है
रूठने से काम नहीं चलता
हँसते- हँसते दूसरों को भी हँसाना है
मोगरा कहता है स्वयं की बडाई नहीं करना  बल्कि
सद्गुणों की सुगंध तो मीलों से ही आ जाती है
कमल कहता है कि कीचड में भी खिला जा सकता है
परिस्थितियों पर मात देना चाहिए
सूर्यमुखी कहता है उगते हुए सूर्य की वंदना करना है
जीवन को प्रकाश की ओर मोडना है

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