Tuesday, 31 October 2017

दीपावली

दीपावली है दीपों का त्योहार
जगमग - जगमग करते दीयों का त्योहार
रंगबिरंगी रंगोली और तोरण - बंदनवार
खुशियॉ और मेलमिलाप
पकवान और मिष्ठान की भरमार
साफ- सफाई और रंगरोगन
नए परदे और चद्दरे
सब कुछ नया - नया
लक्षमी का आगमन
नव वर्ष का जल्लोष
नए कपडे पहन कर एक - दूसरे को शुभकामना
पटाखे और फुलझडियॉ
आतिशबाजियॉ और रोशनाई भी
आई दीवाली और गई दीवाली
जाते - जाते प्रश्न भी छोड गई
केवल कुछ दिनों या पूरे साल भर
मन मिलेगे ,प्रेम के दिये जलेंगे ??
स्वच्छता रखी जाएगी
लक्षमी का सम्मान होगा
नये विचारों का आगमन होगा
नया विकास तन - मन का
सेहत का रखरखाव
परदे के साथ मन पर पडे भेद भी हटेगे
रोशनी प्रेम की जगमगाएगी
या फिर दीए जलाकर कूडे  में फेक दिया
वैसे ही सब भूल जाएगे
अगली दीवाली कब आएगी
इसका इंतजार करेंगे

No comments:

Post a Comment