Sunday, 27 May 2018

मेरी बगिया का फूल

मेरी बगिया का फूल है तू
जैसा भी है प्यारा है
सबसे न्यारा है
खाद-पानी डाल कर सींचा
बरखा-गरमी से बचाया
हर थपेड़ों को खुद पर झेला
तुझ पर आँच न आने दी
आज तू बदल गया
पर मैं तो न बदला
वही चाह ,वही चिंता
वही दुआ और प्रार्थना
बस तू रहे सलामत
ईश्वर की कृपा बरसे
कठिनाई राह मे रोड़े न बने
आगे बढ़ता जाय
वंशबेल बढे़ , फलेफूले
मैं तो माली हूँ
पौधों को देखकर खुश हो लूगा
कर्तव्य मेरा मैंने पूरा किया
कुछ ऊपकार नहीं
मेरी खुशी था तू
कोई कर्जदार नहीं
जो किया वापस करें

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