Saturday, 30 June 2018

मंदसौर की बेटी देश की बेटी

गर्भ से बची
बलात्कारियों के हत्थे चढ़ी
बेटी सुरक्षित नहीं
घर ,बाहर ,समाज
दिन पर दिन
दिल दहला देने वाली घटनाओं मे बढ़ोतरी
एक अभी भूली नहीं
दूसरी घटना घटित
राजनीति भी हो रही
धर्म से जोड़कर देखना
बेटी ,बेटी है
वह किसी भी धर्म की हो
रक्षा की जिम्मेदारी है सबकी
देश की बेटी है
उसका अपमान सबका अपमान
सर से शर्म झुक रहा
इतनी हैवानियत कहाँ से आ रही
क्यों बढ़ रहे नराधमों के मनोबल
इनकी तह मे जाना है
इनको वह दंड मिले
कि दूसरों को भी सबक मिले
सरकार ,समाज सबकी जिम्मेदारी बनती है
बेटी न बचेगी
समाज कैसे बचेगा
आसिफा को अभी भूले भी नहीं
तब तक मंदसौर मे यह घटना
निर्भया को तो ऐसे ही मारा जा रहा
उसे या तो मार डाला जा.रहा
या मरने की हालत मे छोड़ दिया जा रहा

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