Monday, 23 July 2018

धोखा और फरेब

हमने क्या खता की
किस बात की सजा दी
प्यार करने की
विश्वास करने की
अपना समझने की
मालूम न था
तुम ऐसे निकलोगे
धोखेबाज -दगाबाज
स्वार्थी ,अंधे
संवेदनहीन,फरेबी
पर ठीक हुआ
समय रहते पता चल गया
जिंदगी ने सिखा दिया
चालक और सतर्क रहना
झूठ से भरी दूनिया
पग पग पर छल
आँख खोल कर रखना है
दिल से नहीं दिमाग से सोचना है
जीना है और कुछ कर दिखाना है
अपना अस्तित्व कायम रखना है
अपने को साबित करना है
यह बताना है कि किसी के कारण
अपने जीवन को बर्बाद नहीं करना है
डटकर मुकाबला करना है
ऐसा जवाब देना है
कि फिर किसी को धोखा न दे सको

धोखा और फरेब की उम्र नहीं होती

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