Thursday, 25 October 2018

मृत्यु

मृत्यु शैय्या पर पडा व्यक्ति
सोच रहा है
अपने कर्मो का लेखाजोखा कर रहा
मैं जीवित था तब कैसा था
कितनी गलतियां की
झूठ बोले
लोगों को थोखा दिया
सताया
अब सब मेरे साथ ही जा रहा है
कोई दूसरा क्यों भागीदार बने
मैं सोचता था
मेरे जैसा कोई नहीं
कोई मेरा क्या कर लेगा
पर मृत्यु को डर नहीं लगा
वह निडर होकर आई
और मैं अवाक रह गया
बड़े बड़े डॉक्टर भी.मुझे बचा न पाए
मंहगी दवाइयाँ भी बेअसर रही
शायद बच जाता
किसी की दुआ लगती
पर मैंने तो ऐसा कोई काम नहीं किया
जिंदगी भर बद्दुआएं बटोरी
अब लगता है
एक बार जिंदगी फिर मिल जाय
तो सारे पाप का प्रायश्चित कर लू
पर वह मौका मृत्यु कहाँ देती है
वह ठेंगा दिखा रही थी
मानो बोल रही हो
गया समय फिर लौट कर नहीं आता
फिर मैं तो मौत हूँ
एक बार आई तो तुम्हें लेकर ही जाऊंगी
अब कर्मो का हिसाब यमराज  ही करेंगे
पृथ्वी पर जो व्यवहार किया है
उसका फल तो मिलता ही है.

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