Sunday, 27 January 2019

यह जीवन है भाई

फूलों की तरह मुस्कराना है
गाने की तरह गुनगुनाना है
पक्षियों की तरह चहचहाना है
संगीत के तारों की तरह झनझनाना है
हवा की तरह चलायमान होना है
नदियों की तरह बहना है
पर्वत की तरह अचल रहना है
पेडों की तरह देना है
झरने की तरह कलकलाना है
सूर्य की तरह रोशन होना है
चांद की तरह शीतलता फैलाना है
सागर की तरह सीमा मे रहना है
बच्चों की तरह भोला बनना है
यह जीवन है भाई
जो भी है
जैसा भी है
बस हंसकर गुजारना है
यह अनमोल है
पता नहीं फिर मिले या न मिले
अगले जनम की छोड़ो
यही जी भर कर जी लो
खुद खुश रहो
खुशियाँ बांटो
जीवन को हर अदा मे जीना है.

No comments:

Post a Comment