Tuesday, 5 March 2019

रिश्ते की हिफाजत करें

रिश्ता यह व्यापार नहीं
यह भावना है
इसमें हिसाब-किताब नहीं होता
नफा -नुकसान नहीं देखा जाता
जोड़ -घटाना ,गुणा -भाग नहीं किया जाता
क्या लिया
क्या दिया
क्या खोया
क्या पाया
यह कुछ मायने नहीं रखता
यहाँ दिमाग नहीं दिल काम करता है
दिल की सुनवाई होती है
एकतरफा हो सकता है
दोतरफा हो सकता है
एक निभाने वाला हो सकता है
दूसरे को कोई फर्क नहीं पड़ता
वह कोई भी हो सकता है
माता -पिता से लेकर मित्र तक
जिससेें हम प्यार करते हैं
उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं
यह रिश्ते की डोर होती है
लोहे की जंजीर से नहीं
मन की नाजुक डोर से बंधी होती है
हर रिश्ता बहुमूल्य होता है
उसकी हिफाजत की जिम्मेदारी सबकी होती है

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