बरसो रे मेघा बरसो
जम कर बरसो
एक तुम्ही तो हो
अपनी कृपा सब पर बरसाते हो
तुम्हारे लिए
कोई भेदभाव नहीं
कोई जात पात नहीं
कोई अमीर गरीब नहीं
कोई सुंदर - बदसूरत नहीं
यहाँ तो यह सब नहीं
यह पृथ्वी लोक है
तुम तो आसमान से आते हो
यहाँ की व्यथा
तुम क्या जानो ??
अच्छा ही है
तुम इन सबसे परे हो
यह लोक तो भेदभाव से भरा है
हर कमजोर को दबाना
नीचा दिखाना
तंज कसना
ईर्ष्या द्वेष से भरी पडी
कुछ का बस चलता
तो तुम्हें भी बांध कर रखते
अपनी मर्जी चलाते
छोटेपन का एहसास कराते
तुम बरसो
जी भर बरसो
बंदिशो से परे हो
तुम तो मेघराजा हो
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