Friday, 21 June 2019

दूसरो की बात भी सुनिए

हवा आती है जाती है
तभी अच्छी लगती है
एक कमरे में बंद घुटती हुई किसी को नहीं भांती
कुछ अजीब सी गंध आती है

वैसे ही विचार है
उनका आदान-प्रदान जरूरी है
नहीं तो वे सिकुड़ जाएँगे
एक ,दूसरे की भावना समझना है
तब बात भी सुनना होगा

हर किसी को अपनी बात कहने का मौका दीजिए
धीरज से सुनिए
सुनना और समझना बहुत जरूरी है
तभी साथ चलने का मजा है

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