करने वाला वह
जैसा कर रहा करने दो
वैसे भी आपके पास कोई रास्ता नहीं
फिर क्यों मांगना
क्या मांगना
आपका अच्छा और बुरा उससे बेहतर कौन जाने
लेकिन आप तो चुपचाप नहीं बैठते
हर दिन हर पल
नई-नई फरमाइश
कभी कुछ तो कभी कुछ
नहीं हुआ तो कोसते रहे
कभी स्वयं को
कभी भाग्य को
कभी ऊपरवाले को
कब कौन सा पल
कौन सा करवट ले
यह तो कोई नहीं जानता
न कुछ सोचे
न कुछ समझे
न कुछ बोले
जो हो रहा है
उसको स्वीकार करें
अपने मन का हो
तब भी
न हो तब भी
क्योंकि तब तो उसकी मर्जी से
और उसकी मर्जी तो सर्वेसर्वा
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Wednesday, 31 July 2019
सर्वेसर्वा
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