Wednesday, 31 July 2019

सर्वेसर्वा

करने वाला वह
जैसा कर रहा करने दो
वैसे भी आपके पास कोई रास्ता नहीं
फिर क्यों मांगना
क्या मांगना
आपका अच्छा और बुरा उससे बेहतर कौन जाने
लेकिन आप तो चुपचाप नहीं बैठते
हर दिन हर पल
नई-नई फरमाइश
कभी कुछ तो कभी कुछ
नहीं हुआ तो कोसते रहे
कभी स्वयं को
कभी भाग्य को
कभी ऊपरवाले को
कब कौन सा पल
कौन सा करवट ले
यह तो कोई नहीं जानता
न कुछ सोचे
न कुछ समझे
न कुछ बोले
जो हो रहा है
उसको स्वीकार करें
अपने मन का हो
   तब भी
न हो तब भी
क्योंकि तब तो उसकी मर्जी से
और उसकी मर्जी तो सर्वेसर्वा

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