बस अब बहुत हो गया
जी लिया जितना जीना था
उम्र हो गई है
यह आप हर रोज कहते रहे
जिंदगी चुपचाप सुनती रही
कहने लगी
अभी से हार मान ली
अभी तो शुरूआत है
आज तक तो भागम-भाग किया
कर्तव्यो को पूरा किया
सबके लिए जीये
अब तो अपने लिए जी लो
जो छूट गये
उन्हें करीब ले आओ
दोस्तों को
शौक को
हंसी को
आराम को
व्यायाम को
वाचन को
सैर को
ईश्वर के सानिध्य को
अब यह सब फुर्सत मे करो
समय ही समय
कोई बंथन नहीं
हो सके तो फिर
बच्चे बन जाओ
हो सके तो फिर
जवान बन जाओ
मनसोक्त जी लो
अभी तो शुरूआत है
जीना छोड़कर जी कैसे सकते है
तब फिर जी भर जीए
जिंदगी को भी कहे
अभी तो जी भरा नहीं
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