Thursday, 1 August 2019

अब तो सुकून से जीने लो

अम्मा तुम ऐसी क्यों हो
सबसे इतना प्यार
सबके लिए तत्पर
अब तो इन बूढी हड्डियों में जान भी नहीं रही
तब भी इतना करना
अब तक बहुत किया
अब तो कुछ आराम करो
कुछ दूसरों को भी करने दो
वैसे वह तुम्हारी जगह नहीं ले पाएंगे
पर देखो तो
सबको सबके हाल पर छोड़ दो
कब तक तुम रहोगी
तुम्हें भी तो जाना होगा
जाने से पहले कुछ तो आराम कर लो
वैसे तुम्हारे नसीब में आराम कहाँ
आज तक करती ही आई हो
यह सब तुम्हारी ही बदौलत है
हम तुमसे ही है
तुम्हारा ही प्रतिरूप है
निश्चित रहो
सब अपने को संभाल लेंगे
सक्षम जो बनाया है
दुनियादारी जो सिखाई है
जीवन से लडना सिखाया है
यहाँ कोई हार मानने वाला नहीं है
मजबूत लडाकू है
बस अब तो तुम चिंता छोड़ दो
आखिर के पल सुकून कर लो

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