Thursday, 1 August 2019

भूख का धर्म नहीं होता

भूखे पेट भजन न होय गोपाला
पर यहाँ तो भोजन का ही धर्म पूछा जा रहा है
अन्न उगाने वाला भी किसान ही है
फल - सब्जी उगाने वाला भी किसान ही है
अब वह तो कोई भी जात का हो सकता है
किसी भी धर्म का हो सकता है
झोमेटो का खाना इसलिए अस्वीकार
क्योंकि डिलीवरी ब्वाय मुस्लिम
फिर तो बनाने वाला
परोसने वाला वेटर
उसका भी धर्म क्या
यह जानना जरूरी
आज इक्कीसवीं सदी में ऐसा दकियानुसी ख्याल
हर जगह हर धर्म के जाति के लोग कार्यरत
किससे किससे दूरी बनाए रखेंगे
दूधवाला ,पाववाला ,बेकरी ,केक ,ब्रेड
कामगार ,मजदूर ,ड्राइवर
किसका ,किसका धर्म पूछेगे
फिर पेट का धर्म तो भूख ही है

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