Sunday, 1 September 2019

ईश्वर की अनुपम रचना

जीना और मरना
क्या होता है
कुछ जीते हुए मर जाते हैं
कुछ मरकर भी जी जाते हैं
कुछ अपनी इच्छाओ का दमन करते
घुट घुट कर जीने पर मजबूर
कुछ बिना किसी की परवाह
अपनी इच्छा से जीवन जीते
कुछ दूसरों की परवाह करते
कुछ सबको धता दिखा अपनी मनमर्जी
जीवन तो एक ही है
तब उसको जीना भी स्वयं ही
दूसरों की दखलंदाजी बेमानी
स्वतंत्रता से जीना
बंधन और गुलामी इस पर नहीं लादना
जीवन का असली मायने समझना
स्वयं के लिए भी जीना
विचार की स्वतंत्रता
राह और दिशा की स्वतंत्रता
मंजिल पर पहुंचने का माद्दा
सही निर्णय
तभी तो जीया जाएगा
जिंदा मुर्दा क्यों बने
जीए तो जी भर कर जीए
जीते जी हर पल को जीए
कल को छोड़ आज को जीए
आजाद पंछी की तरह
गुलामी नहीं आजादी को अपनाए
तभी मिलेगा जीवन का आनंद
ईश्वर की अनुपम रचना को अपमानित मत करिए

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